रेत के कणों का मिलन
गरम हवाएँ चल रहीं थीं। आकाश में धूल छा रही थी। एक युवा यात्री रेगिस्तान से गुजर रहा था। उसे रास्तों का भी ठीक से पता नहीं था। रेतीला तूफान इतना तेज था कि उसे अपने घोड़े के कान भी नहीं दिख रहे थे।
View Articleदिलफेंक हिटलर
अगर कहीं हिटलर की बात चले, तो इंसानियत के दुश्मन एक ऐसे बर्बर तानाशाह की खौफ पैदा कर देनेवाल कड़क इंसान की छवि उभर कर सामने आती है, जिसकी सख्त आवाज से मजबूत से मजबूत इंसान का दिल सहम जाता था और शरीर...
View Articleप्रणय निवेदन पूरे करते हैं 'झिटकू-मिटकी'
अभी तक प्यार में केवल हीर-राँझा, रोमियो-जूलियट और सोहनी-महिवाल के किस्सों की दुहाई दी जाती है। यहाँ तक कि प्रेमी युगल भी इन्हें ही अपना आदर्श मानकर प्रेम के समंदर में गोते लगाते रहते हैं।
View Articleबिल क्लिंटन : ये दिल मांगे मोर
यदि प्रेम के देवता कामदेव को अपना अंतर्राष्ट्रीय रूप धरना होता, तो निश्चित तौर पर उनका यह परकाया प्रवेश बिल क्लिंटन के रूप में ही होता। लेकिन फिर भी शायद विशुद्ध प्रेम बांटने के
View Articleसच बताना चाहते थे सुनील दत्त
नरगिस ने अपने भाई की गृहस्थी बसाने में खूब मदद की पर भाई ने नरगिस की ओर ध्यान नहीं दिया। नरगिस अपनी पीड़ा को सुनील दत्त से व्यक्त करती थीं पर सुनील की ओर से जवाब नहीं मिलने की स्थिति में उन्होंने कई
View Articleट्रिंग-ट्रिंग...
हॉस्टल में सभी लड़कियों के जगह-जगह से फोन आते रहते। मोबाइल फोन की लगातार बजती घंटियाँ उनके स्टेटस सिंबल बन चुकी थी। जिनके मोबाइल पर फोन आने की गुंजाइश नहीं होती हो अपने दो-चार पुरुष मित्रों के मोबाइल...
View Articleप्यार की सीढ़ियाँ
हमने लैला-मजनूँ, रोमियो-जूलियट, सोहनी-महिवाल, हीर-रांझा के प्रेम के किस्से बहुत सुने...कुछ लोग उसे काल्पनिक भी कहते हैं। लेकिन आज मैं जो प्रेम कथा आपके सामने लाया हूँ वह सत-प्रतिशत सत्य है।
View Articleरेत के कणों का मिलन
गरम हवाएँ चल रहीं थीं। आकाश में धूल छा रही थी। एक युवा यात्री रेगिस्तान से गुजर रहा था। उसे रास्तों का भी ठीक से पता नहीं था। रेतीला तूफान इतना तेज था कि उसे अपने घोड़े के कान भी नहीं दिख रहे थे।
View Articleन पाकर चैन न खोकर चैन...
वहीदा... गुरुदत्त के लिए एक ऐसी कशमकश... उसे देखो तो बेचैनी, उसे न देखो तो बैचेनी। उसे पा लो तो वेदनशल उससे महरूम होकर रहो, तो वेदना, उफ़ न जाने कैसा प्यार था,
View Articleमोहब्बत का पेड़
नीले सागर के तट पर खड़ी सुप्रिया समझ नहीं पा रही थी कि वह यहाँ क्यों खड़ी थी। लहरें बारी-बारी उसके पैरों को छूकर वापस चली जाती थीं। अचानक एक तेज लहर आई और ढेर सारी बूँदें छिटके
View Article'ये मेरा जीवन तेरे लिए है'
अब मुझे तलाक चाहिए। यह बात जब मैंने उनको बताई तो वह मेरे सामने देखते ही रह गए। उन्होंने पूछा तुम क्यों मुझसे अलग होना चाहती हो। मैंने सिर्फ इतना कहा 'दुनिया में कुछ चीजें ऎसी भी होती हैं जिनका कोई कारण...
View Articleआई लव यू...लॉट्स
प्यार के लिए उसने जो भी करना था वह सब कुछ किया लेकिन शायद उसके नसीब में वो सुख था ही नहीं जिसका सपना वह हर दिन देखा करता था। आज वह इस दुनिया की भीड़ में कहीं गुम हो गया है उसका कोई पता नहीं।
View Articleसब कुछ जायज है प्यार में...!
कहते हैं ना कि दुनिया का हर शख्स किस्मत के बारे में जानता जरूर है लेकिन किस्मत में क्या लिखा होता है वह कोई भी नहीं जानता। अनिता के माता-पिता किसी भी हालात मैं अपनी बेटी का हाथ रवि के हाथ में सौंपना...
View Articleचिंता किस बात की, मैं हूँ ना...
शादी की दूसरी वर्षगाँठ आते-आते जलज का बैंक अकाउंट तो निल हो गया। अब किसी सामान की जरूरत पड़ती तो वह दोस्तों से थोड़ा-बहुत उधार लेकर काम चला लेता था लेकिन अनन्या को भी कानों-कान इसकी खबर नहीं लगने देता...
View Articleरिश्तों की उम्र को लगी नजर
घरवालों के कहने पर तो किसी भी काम के लिए हिलने को तैयार नहीं होता था। इसी बीच प्रेमिका श्वेता ने बताया कि उसे रात में करनाल स्थित अपने घर जाना है। आशीष रात के नौ बजे ही घर से अपनी बाइक उठाकर सरायकाले...
View Articleआ जी लें एक पल में सौ जनम
शालिनी जब शॉट लगाती या झुककर शटल को उठाती तो अनिकेत का ध्यान उसकी बॉडी लैंग्वेज पर होता। मानो सिर से लेकर उसकी चाल तक पढ़ने की कोशिश कर रहा हो। मन ही मन उसे लगा वाकई शालिनी के कट्स इतने अच्छे हैं, जिस...
View Articleऐसा प्यार और कहाँ?
ध्वनि और प्रकाश की कहानी हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल से कम नहीं। जिसे पढ़ने और सुनने के बाद मुँह से केवल एक ही बात निकलती है। आह! इसे कहते हैं प्यार, जिसे अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता, सिर्फ महसूस किया जा...
View Articleसत्य पर रखें प्यार की नींव
घुँघरू की पायल से पहली मुलाकात एक शादी समारोह में हुई। समारोह में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे' की नायिका सिमरन सी दिखने वाली पायल ने घुँघरू को आकर्षित किया। दोनों में खूब बातें हुई, अक्सर जब दो अजनबी...
View Articleतुम्हें क्यों न चाहे मन?
नम्रता की परेशानी को भाँपते हुए रीतिका बोली 'भाभी आप भी न खामखाँ परेशान हो रही हैं। आप दोनों हर वक्त एक दूसरे के लिए परेशान रहते हो। बिना बोले ही एक दूसरे के मन की बात समझ जाते हो, परेशानी भाँप जाते हो।
View Articleलौट आओ लिली!
इतना मजबूर तो लिली मैंने कभी तुम्हें नहीं पाया। फिर आज क्यों? क्या मेरे प्यार से तुम्हें इतनी भी ताकत नहीं मिली कि केवल 10 मिनट का समय निकालकर यह सब बातें मुझे मिलकर या फोन पर ही बता सको। लिली इस...
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